नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त (ईसी) अनूप चन्द्र पाण्डेय ने बुधवार को पुणे में मतदाताओं को जागरूक करने वाली विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रव्यापी विशेष सारांश संशोधन (एसएसआर) 2023 का शुभारंभ किया। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त ने दिन का शुभारंभ एक साइकिल रैली में भागीदारी के साथ किया। बालेवाड़ी में श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स महलुंगे से प्रातःकाल शुरू हुई इस साइकिल रैली की थीम ‘पेडल फॉर पार्टिसिपेटिव इलेक्शन’ थी। रैली को समाज के विभिन्न वर्गों के मतदाताओं ने झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें ट्रांसजेंडर, दिव्यांग, महिलाएं, युवा, फिल्मी हस्ती नागराज मंजुले, ओलिंपियन अंजलि भागवत, मनोज पिंगले, अजीत लकड़ा और ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता सानवी जेठवानी सहित शहर के कई जाने-माने गण्यमान्य व्यक्ति शामिल थे। 200 से अधिक लोगों ने ‘नो वोटर टू बी लेफ्ट बिहाइंड’ का संदेश फैलाने, समावेशी एवं सुलभ चुनावों के बारे में जागरूकता, मतदाता सूची के लिए पंजीकरण एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्वेच्छा से साइकिल रैली में भाग लिया। शहर के लोकप्रिय क्षेत्रों जैसे बानेर रोड, पुणे यूनिवर्सिटी स्क्वायर, राजभवन, ब्रेमेन स्क्वायर, परिहार स्क्वायर, मेडी-पॉइंट हॉस्पिटल, ज्यूपिटर हॉस्पिटल, गणराज स्क्वायर और प्वाइंट बालेवाड़ी स्टेडियम को शामिल करते हुए 20 किमी के इस मार्ग पर आम जनता ने साइकिल रैली में शामिल लोगों का प्रसन्नता और उत्साह के साथ अभिनंदन किया।

पुणे में मतदान के प्रति उदासीनता और युवाओं की कम भागीदारी को देखते हुए, चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं और समाज को प्रेरित करने और उन्हें जुटाने के लिए यहां मतदाता जागरूकता साइकिल रैली में भाग लिया। देशभर के सभी राज्यों में, विशेष सारांश संशोधन अभ्यास के दौरान जागरूकता फैलाने और सभी हितधारकों की भागीदारी को जुटाने के लिए संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा व्यापक स्तर पर इस तरह की जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

इस अवसर पर, अपने संबोधन में सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि वह शहरी क्षेत्रों के सभी मतदाताओं से अनुरोध करना चाहते हैं कि सभी युवा चुनाव प्रक्रिया में भाग लें, पंजीकरण कराएं और मतदान करें। उनके मतदान से ही लोकतांत्रिक परंपराएं पूरी तरह से मजबूत और सक्षम बनती हैं। सीईसी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों से मतदाता भागीदारी बढ़ाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पुणे शहर से एसएसआर 2023 के शुभारंभ का यही एक कारण है। उन्होंने कहा कि हालांकि हर साल सारांश संशोधन होता है, लेकिन चुनाव आयोग इस वर्ष इस पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि मतदाता-मतदान को बढ़ाया जा सके और इसका शुभारंभ पूरे देश में पुणे से शुभारंभ करके किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ शहर वास्तव में मतदान में अपना पूर्ण योगदान नहीं करते हैं। सीईसी ने कहा कि उन्हें ऐसे सभी शहरी क्षेत्रों को कवर करना है और इसीलिए जागरूकता जगाने के लिए इस साइकिल रैली का आयोजन किया गया है।

सीईसी ने कहा कि देश हर स्थल पर चाहे वे दूर-दराज के राज्य हों, पहाड़ियां हों, तटीय रेखाएं हों, दुर्गम इलाकों हों, रेगिस्तान हों, हर जगह, हर एक नागरिक को मतदाता के रूप में सूचीबद्ध किया जा रहा है और यह मतदाता पंजीकृत होकर न केवल लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं बल्कि अपना मत भी डाल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में 2.49 लाख से अधिक मतदाता हैं जो 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। उन्होंने कहा जब आप उनके साथ बातचीत करते हैं तो देखते हैं कि वे जीवन भर मतदान करते रहे हैं तो यह कितनी राहत और आनंद की बात है। 106 वर्ष के देश के पहले मतदाता श्री श्याम सरन नेगी, जिनका हाल ही में स्वर्गवास हुआ है, को श्रद्धांजलि देते हुए सीईसी ने कहा कि उन्होंने अपनी मृत्यु से तीन दिन पहले डाक मतपत्र के माध्यम से अपना मत डाला था। यही उनकी बलवती भावना का परिचय है।”

साइकिल रैली के मार्ग में, सीईसी ने कुछ स्थानों पर रुकते हुए चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए उनसे बातचीत की। कस्तूरबा वसाहट के निवासियों ने उत्साहपूर्वक चुनाव आयोग का स्वागत किया और सीईसी ने सीईओ, महाराष्ट्र से क्षेत्र के सभी पात्र मतदाताओं को नामांकन की सुविधा प्रदान करने के लिए कहा।

भारत के संविधान का अनुच्छेद 324, भारत निर्वाचन आयोग को संसद और प्रत्येक राज्य की विधायिका के चुनाव कराने के प्राथमिक आधार के रूप में मतदाता सूची तैयार करने का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण सौंपता है। एक दोषमुक्त अद्यतन मतदाता सूची प्रत्येक राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का प्राथमिक कार्य है। नए पात्र नागरिकों का नामांकन सुनिश्चित करने और एक स्वस्थ, शुद्ध, समावेशी और त्रुटि मुक्त मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राज्य में वार्षिक रूप से विशेष सारांश संशोधन किया जाता है। इस वर्ष एसएसआर का औपचारिक रूप से शुभारंभ 9 नवंबर, 2022 को प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ हुआ और इसे 1 जनवरी, 2023 को अर्हक तिथि के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

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