New Delhi: संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 2 जुलाई, 2023 को आयोजित सहायक भविष्य निधि आयुक्त (एपीएफसी) परीक्षा में अनियमितता के बारे में सोशल मीडिया में अफवाहें फैल रही हैं। परीक्षा के आयोजन के बाद प्रश्न पत्रों के हिस्से की कुछ तस्वीरें विभिन्न सोशल मीडिया पोर्टलों पर अपलोड की गई हैं। तब तक परीक्षा में शामिल हुए सभी परीक्षार्थियों के हाथों में लाखों प्रश्नपत्र आ चुके थे और आयोग ने प्रश्नपत्र वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया था। इसलिए, आयोग की ओर से ऐसे इनपुट न तो विश्वसनीय हैं और न ही कार्रवाई योग्य हैं।

फिर भी, आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया और देश भर के सभी केंद्रों में परीक्षा की प्रक्रियाओं की पर्याप्त जांच-पड़ताल की। संदेह के लायक कुछ भी नहीं मिला। इसके अलावा, अत्यधिक सावधानी के तौर पर, इसने किसी भी असामान्य प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए योग्यता सूची के सभी स्तरों पर परीक्षा के परिणाम के डेटा का विश्लेषण किया। यह स्पष्ट रूप से पाया गया कि हर स्तर पर योग्य और अयोग्य उम्मीदवारों की मेधाविता का क्रम परीक्षार्थियों के निष्पादन के अनुसार है।

कुछ केंद्रों से अधिक अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने के संबंध में कहा गया है कि खुली प्रतियोगिताओं में यह असामान्य नहीं है। किसी भी दो परीक्षाओं की तुलना आनुपातिक आधार पर नहीं की जा सकती और यहां तक कि अलग-अलग वर्षों में एक ही परीक्षा से अलग-अलग डेटा मिलता है।

घटनाओं और आंकड़ों के विस्तृत और गहन विश्लेषण के आधार पर, आयोग का दृढ़ मत है कि सोशल मीडिया में चल रही अफवाहें निराधार और तथ्यरहित हैं।

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