New Delhi: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्र के साऊथ पोल पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने के बाद एक और इतिहास रच दिया। इसरो ने शनिवार को आदित्य-L1 मिशन की सफल लॉन्चिंग की। आदित्य-L1 का मकसद सूर्य का अध्ययन करना है।

आदित्य-L1 मिशन में L1 लैग्रेंजियन पॉइंट है जहाँ सूरज और पृथ्वी की ग्रुत्वकर्षण शक्ति प्रभावहीन है। यह पॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसी लैग्रेंजियन पॉइंट1 (L1) पर आदित्य को भेजा गया है। इस तरह आदित्य-एल1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा जा रहा है।

इस आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण पीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।

इसरो द्वारा भेजा गया आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हुआ। फिर PSLV के अलग होने का थर्ड फेज पूरा हुआ। आदित्य-L1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर तय जगह यानि ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।

पृथ्वी से सूरज की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है। एल1 बिंदु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है जो पृथ्वी से सूरज की दूरी का लगभग 100वां भाग ही है।

सूरज का सबसे गर्म भाग कोर या केंद्र होता है। इसका तापमान लगभग 1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस है। सूरज से हमें प्रकाश, तापमान और ऊर्जा मिलती है। जो हमें प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। इसीलिए दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके अध्ययन पर विशेष बल देते हैं।

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