New Delhi: इन्साकॉग की नियमित निगरानी गतिविधि के एक हिस्से के तहत केरल में कोविड-19 के जेएन.1 सब-वेरिएंट के एक मामले का पता चला है। शनिवार को यह जानकारी आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने दी।

इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकॉग) जीनोमिक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है, जो जीनोमिक दृष्टिकोण से भारत में कोविड-19 की निगरानी कर रहा है। आईसीएमआर इसका एक हिस्सा है। कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी दिशानिर्देशों के अनुसार आईएलआई व एसएआरआई के रोगियों का कोविड-19 परीक्षण किया जाता है और संक्रमित (पॉजिटिव) मामलों को संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए भेजा जाता है।

8 दिसंबर, 2023 को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित काराकुलम से आरटी-पीसीआर परीक्षण में पाए गए संक्रमित नमूने में इसका पता चला था। इससे पहले 18 नवंबर, 2023 को किए गए आरटी-पीसीआर परीक्षण में इस नमूने को पॉजिटिव पाया गया था। संबंधित रोगी में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के हल्के लक्षण थे और उसके बाद वे कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं।

पिछले कुछ हफ्तों से केरल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का रुझान देखने को मिल रहा है। इसका कारण परीक्षण के लिए भेजे जाने वाले आईएलआई मामलों के नमूनों की संख्या में बढ़ोतरी है। इनमें से अधिकांश रोगियों के लक्षण चिकित्सकीय रूप से हल्के किस्म के होते हैं और वे बिना किसी उपचार के अपने घर पर ही ठीक हो जाते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नियमित अभ्यास के एक हिस्से के तहत राज्यों की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में उनके सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारी के उपायों का आकलन करने के लिए एक मॉक ड्रिल संचालित की जा रही है। 13 दिसंबर से शुरू हुई यह गतिविधि जिला कलेक्टरों की समग्र निगरानी में की जा रही है और 18 दिसंबर 2023 तक इसके पूरी होने की संभावना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केरल के स्वास्थ्य विभाग के साथ नियमित संपर्क में है और राज्य में प्रवेश के विभिन्न स्थलों की निगरानी कर रहा है।

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