शिमला: केन्द्र सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ को संबोधित किया। यह सार्वजनिक कार्यक्रम सभी राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में आयोजित किया गया।
मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 11वीं किस्त भी जारी की। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को करीब 21,000 करोड़ की राशि ट्रांसफर हो सकेगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश भर के (पीएम-किसान) के लाभार्थियों से भी बातचीत की। शिमला में इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री राजेन्द्र अर्लेकर, हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर और केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर उपस्थित थे।ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 11वीं किस्त भी जारी की। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को करीब 21,000 करोड़ की राशि ट्रांसफर हो सकेगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश भर के (पीएम-किसान) के लाभार्थियों से भी बातचीत की। शिमला में इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री राजेन्द्र अर्लेकर, हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर और केन्द्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर उपस्थित थे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा संवाद किया।
प्रधानमंत्री ने अफसोस जताया कि 2014 से पहले पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा मान लिया था, फिर भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय सरकार उसके आगे झुक गई, तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंदों तक पहुंचने से पहले ही लूट लिया गया। उन्होंने कहा कि आज जन धन-आधार और मोबाइल (जेएएम) की त्रिमूर्ति के कारण, पैसा सीधे लाभार्थी के जन धन बैंक खातों में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि पहले रसोई में धुंआ झेलने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से एलपीजी सिलेंडर लेने की सुविधा है। पहले खुले में शौच करने की शर्मनाक स्थिति थी अब गरीबों के पास शौचालय की शान है। पहले इलाज के लिए पैसे जुटाने में लाचारी थी, आज हर गरीब को आयुष्मान भारत का सहारा है। पीएम ने कहा कि पहले तीन तलाक का डर था, अब हक के लिए लड़ने की हिम्मत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 100 प्रतिशत लाभ 100 प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लाभार्थियों तक पहुंचने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि 100% सशक्तिकरण का अर्थ है भेदभाव को समाप्त करना, सिफारिशों को समाप्त करना और तुष्टीकरण को समाप्त करना। 100% सशक्तिकरण का मतलब है कि हर गरीब को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
देश के बढ़ते कद पर टिप्पणी करते हुए प्रधानमंत्री ने आज कहा कि भारत मजबूरी में दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाता बल्कि मदद का हाथ बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी हमने 150 से अधिक देशों में दवाएं और टीके भेजे हैं।
प्रधानमंत्री ने आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए, 21वीं सदी के उज्ज्वल भारत के लिए काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। एक ऐसा भारत जिसकी पहचान पृथक्करण नहीं बल्कि आधुनिकता है। उन्होंने कहा कि हमारी क्षमता के आगे कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। पीएम ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आज भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश हो रहा है, आज भारत निर्यात में भी रिकॉर्ड बना रहा है। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि “सभी को आगे आना चाहिए और अपने देश की प्रगति की यात्रा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए”।