अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की आग लगभग देश के आधे हिस्सों तक पहुंच चुकी है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बिहार में देखने को मिला है।
अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए देश के कई राज्यों में प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस योजना को वापस लेने के लिए देश के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन्स को अवरुद्ध कर दिया और ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी, जिससे देश भर में रेल सेवाएं बाधित हो गईं।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना में चयनित उम्मीदवारों को चार सालों के लिए अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा।
इस योजना के तहत 46 हजार अग्निवीरों को इस साल armed forces में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30 हजार से 40 हजार सैलरी मिलेगी, साथ हीं 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में आगे मौका मिलेगा और शेष 75 फीसदी को सैन्य सेवा जारी रखने से वंचित होना पड़ेगा।
अग्निवीरों को मिलने वाली सुविधाएं
अग्निवीरों को सैलरी के साथ मेडिकल और अन्य अलाउंस भी मिलेगा। मेडिकल लीव से अलग साल में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी। अग्निवीर की मृत्यु होने पर बीमा कवर मिलेगा, जिसके तहत उसके परिवार को करीब 1 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाएगी। ड्यूटी के दौरान विकलांग होने पर एक्स-ग्रेशिया 44 लाख रुपये मिलेंगे. साथ ही जितनी नौकरी बची है, उसकी पूरी सैलरी मिलेगी और सेवा निधि पैकेज भी मिलेगा। अग्निवीरों का कुल 48 लाख का इंश्योरेंस होगा। ड्यूटी में रहते शहीद होने पर एकमुश्त सरकार की तरफ से 44 लाख दिए जाएंगे और सेवा निधि पैकेज अलग रहेगा। इसके अलावा जितनी नौकरी बची है उसकी पूरी सैलरी मिलेगी। Central Armed Police Forces (CAPF) और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में 10 फीसदी सीटें रिज़र्व होंगी।
क्या है नाराजगी की वजह?
बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों से नाराज हैं। उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने पर रिटायरमेंट दे दी जाएगी, पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे। छात्रों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से सेना में भर्ती नहीं हो रही है। इस बीच सेना में नौकरी के नए नियम भर्ती के लिये रिटेन और फिजिकल टेस्ट दे चुके नौजवानों की उम्मीदों टूटती हुई लग रही है। ऐसे में छात्रों के सामने यक्ष प्रश्न रह जाता है चार साल के बाद उनका (अग्निवीरों) क्या होगा?
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