औपनिवेशिक अतीत से अलग, प्रधानमंत्री ने नये नौसेना ध्वज का अनावरण किया और उस निशान को छत्रपति शिवाजी के प्रति समर्पित किया।
75 साल से अधिक हो चुके हैं भारत को आज़ाद हुए, लेकिन अभी भी कई चीजों पर गुलामी के निशान हैं। इन्हीं निशानों में से एक था भारतीय नौसेना का ध्वज। इस पुराने ध्वज में ब्रिटिश शासन का जॉर्ज क्रॉस बना हुआ था। जिसे अब पूर्णतः बदल दिया गया। इस नए ध्वज से जॉर्ज क्रॉस हटा दिया गया, इसकी जगह भारत का राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ अंकित है। इस नए ध्वज का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के मौके पर किया।
नौसेना का नया ध्वज (निशान) औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत का प्रतिक माना जायेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 2 सितंबर, 2022 वह ऐतिहासिक तारीख है, जब भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहरायेगा।

उन्होंने कहा “कभी रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी कविता में लिखा था-
नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो, नमो!
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो, नमो!
आज इसी ध्वज वंदना के साथ मैं ये नया ध्वज, नौसेना के जनक, छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। मुझे विश्वास है, भारतीयता की भावना से ओतप्रोत ये नया ध्वज, भारतीय नौसेना के आत्मबल और आत्मसम्मान को नई ऊर्जा देगा।”