New Delhi: अंधेरे आसमान में भारत के एक नए योद्धा का आगमन हो गया है। युद्धक विमान की तरह इसकी दहाड़ नहीं है और ना ही इसमें मिसाइल की चमक है। यह केवल सुनता है, अपना लक्ष्य मापता है और सटीकता से उसे नष्ट कर देता है। यह अदृश्य अभेद्य कवच, आकाशतीर, केवल रक्षा पत्रिकाओं में सीमित अवधारणा नहीं है। यह अब भारत की वायु रक्षा का बेहद सुदृढ़ आधार है। यह वह अदृश्य दीवार है जिसने 9 और 10 मई की रात दुश्मन के मिसाइलों और ड्रोन की बौछार को रोक दिया जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर अपना सबसे घातक हमला किया था। आकाशतीर भारत का पूर्णतया स्वदेश निर्मित, स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रणाली है, जिसने हर आने वाली मिसाइल(प्रक्षेपास्त्र) को रोक कर बेअसर कर दिया।

उसके और लक्षित ठिकानों के बीच केवल तकनीक नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लिए वर्षों की प्रतिबद्धता थी। उधर शत्रु पाकिस्तान अपने आयातित एचक्यू-9 और एचक्यू -16 प्रणालियों पर निर्भर था जो भारतीय हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने में बुरी तरह नाकाम रहे, आकाशतीर ने वास्तविक समय के आधार पर स्वचालित वायु रक्षा युद्ध में भारत के वर्चस्व को प्रदर्शित और स्थापित कर दिया।

आकाशतीर ने दिखा दिया कि वह दुनिया के किसी भी अस्त्र को अधिक तेजी से देखता है, निर्णय लेता है और हमला निष्फल कर देता है।

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