New Delhi: वैपा तौमाता राव, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड और भारत का सबसे बड़ा एवं सर्वाधिक प्रसिद्ध कैंसर केयर अस्‍पताल और अनुसंधान केन्‍द्र टाटा मेमोरियल अस्पताल (टीएमएच), मुम्‍बई ने कैंसर केयर में दीर्घकालिक सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

विश्वविद्यालय के उप-कुलपति अनुसंधान प्रोफेसर फ्रैंक ब्लूमफील्ड अपने अकादमिक स्‍टॉफ के शिष्‍टमंडल के साथ टीएमएच के निदेशक डॉ. राजेंद्र बड़वे और प्रोफेसर एवं मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. वनिता नोरोन्हा के नेतृत्व में टीएमएच प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इसका उद्देश्‍य डिजिटल स्वास्थ्य का उपयोग करके कैंसर केयर को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना है।

साझेदारी के लिए परिकल्पित परियोजनाओं में रोगियों, जांचकर्ताओं और नियामकों के लिए अध्ययन से संबंधित गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए नैदानिक ​​परीक्षणों के लिए एक डिजिटल मंच; बाह्य रोगी क्लीनिकों को अधिक कुशल बनाने के लिए डिजिटल मंच और प्रीस्‍क्रिप्‍शन मेडिसिन सुरक्षा को बढ़ाने के लिए डिजिटल विधि, जैसे संभावित गंभीर दवा इंटरएक्‍शन को सुनिश्चित करने के लिए एक कनैक्टिंग सिस्‍टम शामिल है और इलाज करने वाले चिकित्सक के लिए चिन्ह्ति किए जाते है।

टाटा मेमोरियल सेंटर के प्रमुख डॉ. बडवे ने कहा कि टीएमएच यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के साथ साझेदारी की घोषणा करने के लिए उत्‍साहित था, ताकि टेक्‍नोलॉजी के माध्यम से कैंसर केयर को आगे बढ़ाया जा सके।

“हम अपने कैंसर रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम आशा करते हैं कि यूनि‍वर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के साथ यह सहयोग रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए टेक्‍नोलॉजी की शक्ति का उपयोग करने में सहायक होगा। यूनि‍वर्सिटी ऑफ ऑकलैंड की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ कैंसर केयर में हमारी विशेषज्ञता के जुड़ने से हमें विश्वास है कि हम कैंसर के मरीजों और उनके परिवारों के जीवन में वास्तविक अंतर ला सकते हैं।

प्रोफेसर ब्लूमफील्ड ने एओटेरोआ न्यूजीलैंड और भारतीय समाज के बीच समानता की चर्चा करते हुए कहा कि कैंसर केयर के क्षेत्र में संस्‍थानों को एक साथ आना ही था।

“स्वास्थ्य सेवा में दोनों देशों के सहयोग का इतिहास पुराना है। यह साझेदारी पहले से मजबूत संबंधों पर आधारित है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड इस तरह के अग्रणी संस्थानों के साथ साझेदारी में कुछ वैश्विक स्वास्थ्य समस्‍याओं के समाधान को पाने के लिए दृढ़तापूर्वक प्रतिबद्ध है।”

कैंसर रिसर्च स्टैटिस्टिक्स एंड ट्रीटमेंट की एडिटर-इन-चीफ डॉ वनिता नोरोन्हा ने एडवांसिंग कैंसर केयर में टीएमएच की शक्ति की चर्चा की।

“टीएमएच और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड के बीच समझौता ज्ञापन हेल्‍थ केयर और टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए उत्‍साहित करने वाला अवसर है। हमारे संस्थान एक साथ आकर टेक्‍नोलॉजी के उपयोग, रोगी के परिणाम में सुधार और अंतत: कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में सार्थक प्रभाव के माध्‍यम से अपने सामूहिक अनूठी विशेषज्ञता और संसाधनों को एडवांस रिसर्च से जोड़ सकते हैं।

“इस साझेदारी में रोगियों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों दोनों के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करने की क्षमता है।”

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड भारत की एक लंबी यात्रा के हिस्से के रूप में मुंबई का दौरा कर रहा था, जिसमें तीन दिवसीय क्‍वाक्वेरेली साइमंड्स (क्‍यूएस) भारत शिखर सम्‍मेलन की मेज़बानी शामिल थी, जो ‘भारत के वैश्विक दृष्टिकोण : ज्ञान अर्थव्‍यवस्‍था के लिए विश्‍वविद्यालयों का निर्माण’ पर केन्द्रित था।

शिष्‍टमंडल के नेता वाइस-चांसलर प्रोफेसर डॉन फ्रेशवाटर ने कहा कि यह बहुत उपयोगी शिखर बैठक थी, जो भारत की ज्ञान अर्थव्यवस्था के भविष्य की कल्पना करता है और उसके लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स है।

“हम वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं तथा इन चुनौतियों से निपटने में उच्च शिक्षा महत्वपूर्ण और उत्‍तरदायी भूमिका निभाती है। हमारे लिए ऐसी चुनौतियाँ समानता और स्थिरता पर केंद्रित हैं। उच्च शिक्षा समुदाय के रूप में, हमें इन चुनौतियों पर चर्चा करने से आगे उनके समाधानों को चिन्ह्ति करने और उन पर कार्रवाई करने पर जाना होगा। यह काम करने वाली ज्ञान अर्थव्यवस्था है।”

वैपा तौमाता राव, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालय है और यह न्यूजीलैंड का नंबर-1 विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के पास डिजिटल ट्विन्‍स तथा नैदानिक परीक्षणों के स्‍वचालन का उपयोग करके अस्‍पताल स्‍वचालन तथा ऑटोमेशन में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता है।

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