New Delhi: बांग्लादेश के सिविल सेवकों के लिए आयोजित 2-सप्ताह का 67वां और 68वां बैच क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) पहली सितंबर, 2023 को संपन्न हुआ। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) द्वारा इसका आयोजन किया गया था। 1,500 सिविल सेवकों के लिए सीबीपी के पहले चरण के पूरा होने पर, एनसीजीजी ने 2025 तक अतिरिक्त 1,800 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एनसीजीजी ने पहले ही बांग्लादेश के 855 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) को ‘फोकस वाली संस्था’ के रूप में चिन्हित किया है। परिणामस्वरूप, एनसीजीजी अपनी गतिविधियों का उल्लेखनीय रूप से विस्तार कर रहा है।

भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और पेंशन एवं पेंशनर कल्याण विभाग (डीपीपीडब्ल्यू) के सचिव एवं नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) के महानिदेशक श्री वी. श्रीनिवास ने समापन सत्र की अध्यक्षता की। अपने समापन भाषण में, श्री वी. श्रीनिवास ने अधिकारियों से लोगों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होने का आग्रह किया और समयबद्ध तरीके से लोक शिकायतों के निवारण के अत्यधिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच विकासोन्मुखी साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम अन्य चीजों के अलावा प्रतिभागियों को नए विकासोन्मुखी प्रतिमान और पहल के लिए सशक्त बनाने का एक प्रयास है।

एनसीजीजी ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से 15 देशों – बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, एनसीजीजी इन देशों की विस्तारित सूची से अधिक संख्या में सिविल सेवकों को समायोजित करने के लिए सक्रिय रूप से अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है। इस विस्तार का उद्देश्य बढ़ती मांग को पूरा करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना है कि एनसीजीजी द्वारा दी जाने वाली विशेषज्ञता और संसाधनों से अधिक से अधिक देश लाभान्वित हो सकें।

संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. मुकेश भंडारी, कार्यक्रम सहायक श्री संजय दत्त पंत और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम द्वारा की गई।

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