‘प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से नागरिकों तथा सरकार को निकट लाने’ विषय परक्षेत्रीय सम्मेलन अग्रणी युवाओं के सामूहिक विजन के साथ संपन्न
नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार तथा लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से18-19 अगस्त 2022 को ‘प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से नागरिकों तथा सरकार को निकट लाने’ के विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक लोक शिकायत पेंशन तथा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू के साथ दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र को आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि उस समय की केन्द्र सरकारों की नीतियां अदूरदर्शी थीं लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के सभी प्रयास किए जाएंगे
डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर क्षेत्र में परियोजनाएं निर्धारित समय में पूरी हो रही हैं और केन्द्र से मिलने वाली राशि का 100 प्रतिशत उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य रेल से देश की राजधानी से जुड़े हैं और सभी आठ राज्यों में हवाई अड्डे बन रहे हैं जबकि गुवाहाटी हवाई अड्डा महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बना गया है।
डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इटानगर में यह सम्मेलन प्रशासनिक सुधार तथा लोक शिकायत विभाग द्वारा अगस्त 2019 में मेघालय में ई-गवर्नेंस पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद हो रहा है। मेघालय में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में शासन तथा लोकसेवा डिलिवरी के लिए श्रेष्ठ व्यवहारों, नवीनतम टेक्नॉलॉजी विकास और उनसे लाभ लेने के लिए ई-गवर्नेंस पर ‘शिलांग घोषणा’ अपनाई गई थी।
क्षेत्रीय सम्मेलन में 5 तकनीकी सत्र हैं। ये हैं- शासन में सुधार, पूर्वोत्तर राज्यों में लोक शिकायत निवारण तथा ई-ऑफिस,पूर्वोत्तर राज्यों मेंगुड गवर्नेंस व्यवहार, जिला गवर्नेंस सूचकांक और गुड गवर्नेंस व्यवहार।
सम्मेलन के पहले दिन आईआईपीए के महानिदेशक श्री एस.एन. त्रिपाठी ने “शासन में सुधार” विषय पर पहले सत्र की अध्यक्षता की। इसमें विजन इंडिया@2047,कार्मिक प्रशासन में सुधार, मिशन कर्मयोगी तथा अरुणाचल प्रदेश में सुधार विषय पर प्रस्तुतियां दी गईं।
दोपहर के भोजन के बाद के सत्रों की अध्यक्षता नगालैंड सरकार के प्रधान सचिव (आईटी) श्री के डी विज़ो ने की। लोक शिकायत निवारण औरनगालैंड में ई-ऑफिस,लोक शिकायतों का सीपीजीआरएएमएस निवारण, लोक शिकायत निवारण और पूर्वोत्तर राज्यों में ई-ऑफिस, ‘सिक्किम में ई-ऑफिस,अरुणाचल में नागरिक केंद्रित योजना’ तवांग मेंलोक शिकायतों का निवारण विषय पर प्रस्तुतियां दी गईं।
तीसरे सत्र में पूर्वोत्तर राज्यों में गुड गवर्नेंस व्यवहारों पर हुई चर्चा की अध्यक्षता अरुणाचल सरकार के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य/वित्त)डॉ. शरत चौहान ने की। इसमें जलवायु परिवर्तन शमन के माध्यम से नैतिक शासन, सरकार में प्रोसेस रीइंजीनियरिंग-संशोधित सीपीजीआरएएमएस, चांगलांग में प्लास्टिक श्रेडिंग इकाई, नामसाई में पर्यटन,उत्तर पूर्वी पर्वतीय स्थलों में जल संरक्षण- सियालसीर गांव से सबक और कोकराझार में कोविड प्रबंधन पर प्रस्तुतियां दी गईं।
सम्मेलन के चौथे सत्र में जिला गुड गवर्नेंस सूचकांक विषय पर चर्चा हुई जिसकी अध्यक्षता डीएआरपीजी के संयुक्त सचिव श्री एनबीएस राजपूत ने की। अरुणाचल प्रदेश के लिए डीजीजीआई सूचकांक और जम्मू-कश्मीर के डीजीजीआई पोर्टल पर प्रस्तुतियां दी गईं।
दूसरे दिन के पांचवें सत्र में गुड गवर्नेंस पर चर्चा हुई। इसकी अध्यक्षता अंतर राज्य परिषद, गृह मंत्रालय, के अपर सचिवश्री श्रीराम तरणीकांति ने की। इस सत्र मेंनलबाड़ी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पूर्वोत्तर राज्यों में शिक्षा पहल, प्रशासन में प्रौद्योगिकी, मेघालय में ई-ऑफिस,पूर्वी सियांग में मिशन इंद्रधनुषपर प्रस्तुतियां दी गईं।
सम्मेलन प्रशासनिक प्रशिक्षण में श्रेष्ठ व्यवहारों के निर्माण और कार्यान्वयन, नागरिक केंद्रित शासन में सहायता के लिए क्षमता सृजन, ई-गवर्नेंस के माध्यम से लोक सेवा डिलिवरी में सुधार,पारदर्शी, उत्तरदायीतथा नागरिक-अनुकूल प्रभावी प्रशासन में अनुभव साझा करने के लिए समान प्लेटफॉर्म बनाने का एक प्रयास है।