New Delhi: फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबिल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) से प्राप्त सूचना के अनुसार पिछले कैलेंडर वर्ष यानी 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 49.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का श्रेणीवार विवरण निम्नलिखित है:

श्रेणीकैलेंडर वर्ष 2022कैलेंडर वर्ष 2023वृद्धि
दोपहिया6,31,4648,59,37636.09%
तिपहिया3,52,7105,82,79365.23%
वाणिज्यिक वाहन2,6495,673114.16%
यात्री वाहन38,24082,105114.71%
कुल10,25,06315,29,94749.25%

वाहन ऋणों पर ब्याज दर में बढ़ोतरी या कमी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से रेपो दरों में बढ़ोतरी/कमी से जुड़ी हुई है। रेपो दर पिछले पुनरीक्षण यानी 8 फरवरी, 2023 के बाद से 6.50 प्रतिशत है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रवृति को बढ़ावा देने और उन्हें सुदृढ़ बनाने के लिए निम्नलिखित तीन योजनाएं बनाई हैं:

  1. भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण (फेम इंडिया)सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता से शुरुआत में 1 अप्रैल, 2019 से पांच साल की अवधि के लिए फेम इंडिया योजना के चरण-II अधिसूचित किया है। इसके बाद इस परिव्यय को बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया।  
  2. ऑटोमोबिल और ऑटो घटक उद्योग के लिए उत्पादन संबंद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: सरकार ने 15 सितंबर, 2021 को 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय से मोटर-वाहन क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को अनुमोदित कर दिया। इस योजना में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए 18 फीसदी तक की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाती है।
  3. उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, ‘राष्ट्रीय उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण कार्यक्रम’: सरकार ने 12 मई, 2021 को देश में एसीसी के विनिर्माण के लिए 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ पीएलआई योजना को अनुमोदित किया। इस योजना के तहत देश में 50 गीगावाट प्रति घंटे क्षमता वाली प्रतिस्पर्धी एसीसी बैटरी विनिर्माण व्यवस्था स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। साथ ही, इस योजना में 5 गीगावाट प्रति घंटे की उत्कृष्ट प्रौद्योगिकियां भी शामिल हैं।
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