New Delhi: एक अप्रैल यानी सोमवार से न्यू फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत हो रही है। देश में इनकम टैक्स से जुड़े ज्यादातर बजट प्रस्ताव इसी दिन से लागू होते हैं। एक अप्रैल से इनकम और टैक्स से जुड़े कई नियम बदल जाते हैं।

अब आयकर रिटर्न (ITR) भरने वाले नई कर व्यवस्था के हिसाब से ITR फाइल करेंगे। भारत में एक अप्रैल, 2024 से नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट किया जा चुका है। करदाता को अब कर स्लैब का चुनाव करना होगा। पुरानी कर व्यवस्था को अपडेट किया जा चुका है। इसके तहत सालाना सात लाख तक की कमाई करनेवाले करमुक्त है।

वित्त वर्ष 2024-25 में नई कर व्यवस्था के तहत करदाता 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। जिससे 7.50 लाख तक का इनकम टैक्सफ्री हो जाएगी।

Sr. No.Annual Income (in Rs.)Tax
1.0-3 Lacks0%
2.3-6 Lacks5%
3.6-9 Lacks10%
4.9-12 Lacks15%
5.12-15 Lacks20%
6.15 Lacks (above)30%

इनकम टैक्स एक्ट-1961 की धारा 87A के तहत छूट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। इस नई व्यवस्था में 7 लाख तक की आय कम्पलीट कर छूट मिलेगा। साथ ही नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया गया है।

इनकम टैक्स एक्ट की धारा-10(10AA) में प्रावधान किया गया है। गैर-सरकारी कर्मचारी को लीव इनकैशमेंट के रूप में तीन लाख के बजाय 25 लाख रुपये तक पर कर छूट का फायदा मिल सकता हैं।

वहीं एक अप्रैल, 2023 के बाद लाइफ इन्सुरेंस वालों के कुल प्रीमियम 5 लाख रुपये से अधिक होता है तो मैच्योरिटी पर उन्हें स्लैब के अनुसार कर देना होगा। जिनकी सालाना आय 5 करोड़ रुपये से अधिक है उनको 37% की जगह अब 25% ही सरचार्ज देना होगा।

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