New Delhi: हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गयी है। राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान ‘मोदी’ सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था जिसमें सूरत सेशंस कोर्ट ने उन्हें दोषी माना और दो साल की सजा सुनाई। राहुल गांधी केरल के वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे।
भारतीय संसद के इतिहास में ऐसे कई सांसद और विधायक हैं जोकि अपनी सदस्यता गंवा चुके हैं। साल 2013 में बिहार के सारण से लालू यादव की लोकसभा सदस्यता गई थी. लालू को चारा घोटाला मामले में कोर्ट से सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी. इसके साथ ही यादव को चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई थी.
इसके अलावा बिहार के हीं जहानाबाद से जनता दल यूनाइटेड से सांसद जगदीश शर्मा को चारा घोटाला मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई थी. कोर्ट ने जगदीश शर्मा को 4 साल की कैद और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी.
वहीं लक्षद्वीप के सांसद रहे मोहम्मद फैजल को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीएम सईद और मोहम्मद सालिया पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई. इसके बाद स्वतः उनकी सदस्यता चली गई थी. हांलांकि केरल हाईकोर्ट ने मोहम्मद फैजल की सजा पर रोक लगा दी.
अगर बात करें विधानसभा सदस्यों की इसमें सबसे बड़ा नाम आता है AIADMK सुप्रीमो जे जयललिता की। जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सजा सुनाई गयी थी जिसके बाद उन्हें सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वो तब तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, उत्तर प्रदेश के रामपुर सदर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके आजम को अदालत ने 2019 के अभद्र भाषा मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद वह फिर से किसी चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गए।
वहीं आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म खान को फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, अब्दुल्ला पर अदालत ने 15 साल पुराने एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी।
फिर बात आती है बिहार के राजद विधायक अनिल कुमार साहनी की। साहनी को 2012 में यात्रा किए बिना जाली एयर इंडिया ई-टिकट का उपयोग करके यात्रा भत्ता प्राप्त करने का प्रयास करने का दोषी ठहराया गया था। इस धोखाधड़ी के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 में बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इसके अलावा कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को जनवरी 2021 में मारपीट के एक मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
वहीं उन्नाव के बांगरमऊ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को फरवरी 2020 में बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
बिहार के पटना जिले के मोकामा से राजद विधायक अनंत सिंह को अवैध हथियार जैसे गोला-बारूद की बरामदगी से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जुलाई 2022 में बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।