New Delhi: भारत के महापंजीयक (आरजीआई) द्वारा 07 मई, 2025 को जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) पर आधारित भारत में मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन, 2019-21 के अनुसार, देश के मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है। यह 2014-16 में प्रति लाख जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गई है।
इसी प्रकार, नमूना पंजीकरण प्रणाली सांख्यिकीय रिपोर्ट 2021 के अनुसार, शिशु मृत्यु दर संकेतकों में गिरावट का रुझान जारी रहा। देश की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 39 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 27 हो गई है। नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 26 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 19 हो गई है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 45 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 31 हो गई है। जन्म के समय लिंग अनुपात 2014 में 899 से सुधरकर 2021 में 913 हो गया है। कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 से उल्लेखनीय सुधार है।
एसआरएस 2021 रिपोर्ट के अनुसार,
आठ (8) राज्य पहले ही एमएमआर (2030 तक <=70) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं: केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53), कर्नाटक (63)।
बारह (12) राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही यू5एमआर (2030 तक <=25) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं: केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24)।
छह (6) राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही एनएमआर का एसडीजी लक्ष्य (वर्ष 2030 तक <=12) प्राप्त कर चुके हैं: केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)।
इसके अलावा, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भारत की प्रगति वैश्विक औसत से अधिक है।
07 अप्रैल 2025 को प्रकाशित वर्तमान संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु दर अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (यूएन-एमएमईआईजी) रिपोर्ट 2000-2023 के अनुसार, भारत की एमएमआर 2020 से 2023 तक में 23 अंकों की कमी आई है। इस उपलब्धि से, 1990 से 2023 तक पिछले 33 वर्षों में 48% की वैश्विक कमी की तुलना में भारत की एमएमआर में अब 86% की कमी आई है।
24 मार्च, 2025 को प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी बाल मृत्यु दर आकलन समूह (यूएन आईजीएमई) रिपोर्ट 2024 के अनुसार भारत में बाल मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है। भारत बाल मृत्यु दर में कमी लाने वाले शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1990 से 2023 तक पिछले 33 वर्षों में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) में 78% की कमी आई है जबकि वैश्विक स्तर पर 61% की कमी आई है; नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में वैश्विक स्तर पर 54% की तुलना में 70% की कमी आई है और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में वैश्विक स्तर पर 58% की तुलना में 71% की कमी आई है।