मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अगले छह माह में आईजीएमसी शिमला और मेडिकल कॉलेज टांडा में पायलट आधार पर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की जाएगी और इस संबंध में जल्द ही चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों की आवश्यक रोबोटिक सर्जरी शुरू करने के लिए चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों की संख्या की एक विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव द्वारा 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाएगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है ताकि प्रदेश में ही मरीजों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। इससे लोगों के समय और धन की बचत होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को घर-द्वार के निकट बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां 134 प्रकार की प्रयोगशाला परीक्षण सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सक और चिकित्सा कर्मचारी, नवीनतम अत्याधुनिक एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्स-रे की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों की जिला अस्पतालों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा और नर्सिंग शिक्षा की आधारभूत संरचना को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में कैंसर केयर के लिए ‘उत्कृष्टता केंद्र’ खोला जाएगा। कैंसर विभाग के लिए 400 करोड़ रुपये और 150 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक स्वास्थ्य मशीनरी और उपकरणों से लैस करेगी और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान भी किया जाएगा।

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