नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में चलाए जा रहे “वोकल फॉर लोकल” कार्यक्रम के अंतर्गत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय एक केंद्र प्रायोजित योजना “पीएम फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (पीएम एफएमई स्कीम)” चला रहा है। इसके तहत देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को लगाने के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यापारिक मदद उपलब्ध कराई जाती है। यह योजना 2020-21 से 2024-25 के बीच पांच साल के लिए लागू की गई है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह योजना प्राथमिक तौर पर एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) की अवधारणा पर काम करती है, ताकि सामग्री के उपार्जन, उपलब्ध सामान्य सेवाओं और उत्पादों के विपणन का फायदा उठाया जा सके। 

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण 2015-16 और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के 73वें दौर के सर्वे के मुताबिक, देश में 25 लाख गैर-पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण ईकाईयां मौजूद हैं। परिशिष्ट-एक में राज्यवार इन ईकाईयों की संख्या दर्शाई गई है।

पीएमएफएमई योजना का निर्माण, सूक्ष्म उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान और इन उद्यमों को उन्नत करने व  औपचारिक क्षेत्र में लाकर, इनमें काम करने वाले समूहों व सहकारी संगठनों की संभावनाओं का लाभ लेने के लिए किया गया है। इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले पुराने और नए सूक्ष्य उद्यमों की प्रतिस्पर्धा शक्ति को बढ़ाना और इस क्षेत्र को औपचारिक क्षेत्र में लाना है। इस योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को यह मदद दी जाती है:

(1) व्यक्तिगत/सामूहिक स्तर के सूक्ष्म उद्यम को सहारा देना: योग्य परियोजना की कुल कीमत पर 35 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी, जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये प्रति ईकाई है।

(2) स्वसहायता समूहों को शुरुआती पूंजी के लिए मदद उपलब्ध करवाना- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में काम करने वाले स्व-सहायता समूहों को कार्य पूंजी के लिए प्रति सदस्य 40,000 रुपये तक की आर्थिक मदद, साथ ही हर संगठन को छोटे उपकरण खरीदने के लिए 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद।

(3) सार्वजनिक अवसंरचना को सहायता: एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समूहों या किसी भी सरकारी एजेंसी को सार्वजनिक अवसंरचना विकास के लिए कुल परियोजना कीमत की 35 प्रतिशत तक पूंजी सब्सिडी उपलब्ध करवाना, जिसकी अधिकतम सीमा 3 करोड़ रुपये होगी। इस सार्वजनिक अवसरंचना निर्माण की कुल क्षमता का एक बड़ा हिस्सा दूसरी ईकाईयों और आम जनता के लिए किराये पर उपयोग के लिए भी खुला रहेगा।

(4) ब्रॉन्डिंग और मार्केटिंग सहायता: एफपीओ/एसएचजी/सहकारी समूहों या किसी सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम की एसपीवी को ब्रॉन्डिंग और मार्केटिंग में लगने वाली पूंजी का 50 प्रतिशत तक अनुदान

(5) क्षमता विकास: योजना का उद्देश्य उद्यमिता विकास कार्यकुशलता (ईडीपी+) के लिए प्रशिक्षण भी है: खाद्य एवम् प्रसंस्करण उद्योग जगत की जरूरतों को पूरा करने और उत्पाद विशेष कार्यकुशलता के निर्माण के लिए बनाया गया कार्यक्रम।

तकनीकी उन्नति और सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को औपचारिक बनाने की दिशा में इस योजना के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण अहम तत्व हैं। क्षमता निर्माण के तहत उद्यमशीलता विकास, खाद्य सुरक्षा एवम् मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निश्चित किए गए पैमानों के पालन, सामान्य स्वच्छता और दूसरे अनिवार्य कानूनी प्रावधानों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जिलेवार स्तर पर सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों द्वारा एफएसएसएआई और दूसरे कानूनी प्रावधानों के पालन को सुनिश्चित करवाने में डीआरपी अधिकारियों को मदद करने का निर्देश दिया गया है।

परिशिष्ट

देश में गैरपंजीकृत उद्यमों की राज्यवार संख्या का विवरण 

क्रमांकराज्य/केंद्रशासित प्रदेशगैर पंजीकृत खाद्य एवम् पेय पदार्थ का निर्माण करने वाले उद्यमों की संख्या
 1निकोबार द्वीप समूह774
2 आंध्रप्रदेश1,54,330
3 अरूणाचल प्रदेश145
4 असम65,997
5 बिहार1,45,300
6 चंडीगढ़656
7 छत्तीसगढ़26,957
8 दादरा एवम् नगर हवेली और दमन एवम् द्वीप758
9 दिल्ली14,350
10 गोवा2,929
11 गुजरात94,066
12 हरियाणा24,577
13 हिमाचल प्रदेश21,885
14 जम्मू और कश्मीर28,089
15 झारखंड116536
16 कर्नाटक127458
17 केरल77,167
18 लद्दाख
19 लक्ष्यद्वीप127
20 मध्य प्रदेश1,02,808
21 महाराष्ट्र2,29,372
22 मणिपुर6,038
23 मेघालय3,268
24 मिजोरम1,538
25 नगालैंड3,642
26 ओडिशा77,781
27 पुडुचेरी3,482
28 पंजाब63,626
29 राजस्थान1,01,666
30 सिक्किम101
31 तमिलनाडु1,78,527
32 तेलंगाना80,392
33 त्रिपुरा13,998
34 उत्तर प्रदेश3,50,883
35 उत्तराखंड18,116
36 पश्चिम बंगाल3,22,590
  कुल24,59,929

Source: वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण, 2016-17 और NSSO 73 दौर का सर्वेक्षण (जुलाई 2015-जून 2016)

यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में दी।

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